राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में पाधिकारियों ने उठाई राजनैतिक सहभागिता की मांग
राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में पाधिकारियों ने उठाई राजनैतिक सहभागिता की मांग
जैन प्रत्याशी ही कर सकते है जैन मंदिरों, साधुओं व धरोहरों की रक्षा-रितुराज
यमुनानगर, 14 दिसम्बर (आर. के. जैन):
भारतीय जैन मिलन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का आयोजन ऑनलाईन किया गया। जिसमें राजनैतिक भागीदारी जनजागरण अभियान के बारे में विचार विमर्श किया गया। मीटिंग की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर सुरेश जैन रितुराज ने की तथा संचालन राष्ट्रीय महामंत्री (प्रसाशन) वीर नरेन्द्र राजकमल जैन व महामंत्री (संगठन) वीर नरेश जैन ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में क्षेत्र संख्या-7 से राष्ट्रीय मंत्री वीर जय कुमार जैन ने भाग लिया। बैैठक का शुभाारम्भ णमोकार महामंत्र के गुंजन से किया गया। सुरेश जैन रितुराज ने संबोधित करते हुये कहा कि सभी राज नैतिक पार्टियों से हम मांग करते है कि जब सभी छोट-छोटे समुदायों को राजनीति में भागीदारी दी जाती है तो जैन समुदाय को भी सहभागिता दी जानी चाहिये। जब जैन समाज द्वारा सभी राजनैतिक दलों को हर तरह से पूर्ण सहयोग दिया जाता है तो हर चुनाव में जैन प्रत्याशियों को भी हिस्सेदारी दी जानी चाहिये। उन्होंने आगे कहा कि राजनीति में जैन समाज की की भागीदारी न होने के कारण हमरी संस्कृति, मंदिर, धर्म स्थल व अन्य धरोहर भी सुरक्षित नहीं है। इस लिये हम सभी राजनैतिक दलों से राजनैतिक भागीदारी की मांग करते है। उन्होंने आगे कहा कि यदि जैन समाज के प्रत्याशी चुनाव जीत कर लोक सभा व विधान सभा में समाज की बात रख सकते है और धर्म व साधुओं को पूरी सुरक्षा प्रदान करा सकते है। उन्होंने सदस्यों से अपील करते हुये कहा कि मंदिर, स्थानक व साधनों के माध्यम से भी हमें जान जागरण अभियान चलाना चाहिये और अधिक से अधिक लोगों को जागरुक करने का प्रयास करना चाहिये। जय कुमार ने कहा कि जैन समाज के लोग राजनीति में आने से कतराते है और अपना प्रतिनिधित्व मांगने से सकुचाते है। यह आवश्यक है कि जैन भी राजनीति में अपनी रूची दिखाए और आगे आकर राष्ट्र और समाज का भला करें। क्षेत्रीय अध्यक्ष एस. के. जैन ने कहा कि यदि जैन एक होकर संयुक्त रूप से राजनीति में भाग ले तो अवश्य ही उनको जीत मिलेगी। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजित प्रसाद जैन ने कहा कि जनगणना के अनुसार देश में जैन परिवारों की संख्या कम है, जिसका मुख्य कारण जनगणना के समय परिवारों द्वारा जाति के कॉलम में जैन न लिख कर अपना गोत्र लिखना है। फाऊंडेशन चेयरमैन वीर नरेश जैन ने कहा कि हमें यह देखना होगा की कितने जैन लोग राजनीति में रूची रखते है, और योग्य व सक्षम है। क्षेत्रीय मंत्री वीर अजित प्रसाद जैन ने कहा कि समाज के कितने व्यक्ति चुनाव में प्रत्याशी के रूप में खड़ा होना चाहते है और यह भी देखना होगा की क्या वह आर्थिक रूप से सक्षम है कि नहीं। वरिष्ठ क्षेत्रीय उपाध्यक्ष वीर आर. के. जैन ने कहा कि हमें कुछ भी करने से पहले मानसिक रूप से तैयारी करनी पड़ेगी कि हमें किस दल का प्रतिनिधित्व करना है और किसी प्रकार अपनी बात लोगों को तक पहुँचानी है। उन्होंने कहा कि आगे कहा कि समाज में अच्छी और साफ छवी के प्रत्याशियों को ही बढ़ावा देना चाहिये ताकी जीत को सुनिश्चित किया जा सके। राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री महंत जैन ने कहा कि हमें यह प्रयास करना चाहिये कि हम अधिक से अधिक जैन लोगों को अपने साथ जोड़े और उनकों अपनी बात समझाएं, और इसके साथ-साथ घर-घर जाकर लोगों से सम्पर्क स्थापित करें। लम्बी वार्ता के बाद जय-जय महावीर के उच्चारण के साथ बैठक का समापन किया गया।
फोटो नं. 1 एच.
बैठक में भाग लेते पदाधिकारी व सदस्य............(जैन)